सरकार एक बार फिर राहत पैकेज लेकर आ सकती है। इस बार 1.5 लाख करोड़ रुपए का पैकेज आ सकता है। इससे सरकार को अर्थव्यवस्था को तेजी देने में मदद मिलेगी। यह राहत पैकेज दिवाली से पहले आ सकता है।
मुश्किल वाले सेक्टर्स पर होगा फोकस
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार मुश्किल वाले सेक्टर्स पर फोकस करेगी। इसके जरिए वह अर्थव्यवस्था को उबारने की कोशिश करेगी। कैबिनेट ने बुधवार को ही बैठक में 10 सेक्टर्स में प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव्स (PLI) लागू करने की मंजूरी दे दी है। PLI के तहत अगले 5 सालों में 1.46 लाख करोड़ रुपए दिए जाएंगे। सूत्रों के मुताबिक, 57 हजार करोड़ रुपए की अधिकतम इंसेंटिव हासिल करने वाले सेक्टर्स में ऑटो कंपोनेंट्स और ऑटोमोबाइल सेक्टर्स हो सकते हैं।
इसके अलावा, जिन सेक्टर्स को इसका फायदा होगा, उनमें एडवांस सेल केमिस्ट्री, बैटरी, फार्मा, फूड प्रोडक्ट्स और व्हाइट गुड्स शामिल हैं।
- देश की जीडीपी ग्रोथ निगेटिव जोन में
- अमेरिका का तीसरी तिमाही में नया इतिहास
- भारत में बेरोजगारी दर अक्टूबर में बढ़ी
अतिरिक्त प्रोडक्शन पर इंसेंटिव
इस स्कीम के तहत केंद्र सरकार एक्स्ट्रा प्रोडक्शन पर कंपनियों को इंसेंटिव्स और उन्हें एक्सपोर्ट करने की भी मंजूरी देगी। पिछले महीने नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने ऐलान किया था कि सरकार प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव्स लेकर आएगी ताकि घरेलू मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर्स को सपोर्ट किया जा सके।
उन्होंने कहा था कि PLI स्कीम का मकसद देश में पैसा लगाने वाले इनवेस्टर्स को इंसेंटिव्स देना है ताकि घरेलू कंपनियों को भी दुनिया के बराबर लाया जा सके।
दो मुद्दों पर होगा फोकस
अगले राहत पैकेज में दो मुद्दों पर फोकस रहने वाला है। पहला मुद्दा है रोजगार। ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार कैसे दिया जाए, इस पर इस राहत पैकेज में फोकस हो सकता है। इसके लिए सरकार PF (प्रॉविडेंड फंड) के जरिए 10 फीसदी सब्सिडी देने का ऐलान कर सकती है।
कर्मचारी के पीएफ का 10 पर्सेंट हिस्सा सरकार देगी
जो नए कर्मचारी होंगे, उनके पीएफ का 10 फीसदी हिस्सा सरकार देगी और कर्मचारी के लिए जो इम्प्लॉयर का योगदान होता है, उसमें भी सरकार 10 फीसदी हिस्सा देगी। इसको सरकार प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना के तहत नए रूप में पेश कर सकती है।
दूसरे कदम के तहत सरकार केवी कामथ कमेटी द्वारा पहचाने गए दबाव और परेशानी से गुजर रहे सभी 26 सेक्टरों के लिए इमरजेंसी क्रेडिट की व्यवस्था कर सकती है। अलग-अलग सेक्टर के लिए अलग-अलग राहत दी जा सकती है।
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/36pPzhB
via IFTTT
No comments:
Post a Comment